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Drupal एक ओपन सोर्स कॉन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) है, जिसका इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है. समय के साथ इसकी टेक्नोलॉजी जटिल होती चली गई है. यही वजह है कि अब बड़े स्तर पर काम करने वाले समाचार पब्लिशर ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

  • बड़े स्तर पर मेटाडेटा वाले स्ट्रक्चर्ड कॉन्टेंट को पब्लिश करने के मामले में यह प्लैटफ़ॉर्म बेहतरीन है. इसे इंटेलिजेंट कॉन्टेंट (ऐसा कॉन्टेंट जिसे पब्लिशर आसानी से खोज और दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं) का एक बड़ा डेटाबेस माना जा सकता है
  • Drupal पर तीसरे पक्ष के कई मॉड्यूल का इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, इसकी वजह से समाचार संगठनों के कामकाज पर असर भी पड़ सकता है. जैसे- सहायता पाने में परेशानी, काम में देरी, और ज़्यादा लागत. इसलिए, Drupal को उन समाचार संगठनों के लिए सही माना जाता है जो बड़े स्तर पर काम करते हैं और जिनके पास तकनीकी संसाधनों की कमी नहीं होती
  • WordPress की तरह आपको Drupal के लिए भी व्यावसायिक तौर पर मैनेज की जा रही सेवा देने वाली कंपनी के साथ काम करना होगा. इससे Drupal को होस्ट, अपडेट, और सुरक्षित किया जा सकेगा
  • इस प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करने वाली कुछ जानी-मानी कंपनियां ये हैं: The Economist, Crains, Patch, और The Cook Political Report

प्लैटफ़ॉर्म, इनके लिए सही है

आज की तारीख में Drupal, मीडियम साइज़ के या खासकर बड़े स्तर पर काम करने वाले समाचार संगठनों के लिए सबसे सही है. इनमें खास तौर पर वे संगठन शामिल हैं जो बड़े पैमाने पर कॉन्टेंट पब्लिश करते हैं और जिनकी साइट पर कॉन्टेंट, मेटाडेटा के आधार पर अलग-अलग सेक्शन में पब्लिश होता है. ऐसी साइटों पर ज़्यादातर कॉन्टेंट को चुनकर पब्लिश नहीं किया जाता है. इस प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल ऐसा समाचार संगठन भी कर सकता है जो लोगों और पत्रकारों, दोनों को उनकी पसंद के मुताबिक अनुभव देना चाहता है. दोनों मामलों में, आपके समाचार संगठन को Drupal इस्तेमाल करने के लिए, ऐसे डेवलपर चाहिए होंगे जिन्हें इस प्लैटफ़ॉर्म के बारे में अच्छी जानकारी हो. छोटे साइज़ के समाचार संगठनों को इस प्लैटफ़ॉर्म के बजाय ऐसे प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करना चाहिए जो खास तौर पर, समाचार पब्लिश करने से जुड़ी सुविधाएं ही देता हो.

एक नज़र में

यह प्लैटफ़ॉर्म, मुख्य रूप से ऐसे संगठनों के लिए सही है

बड़े स्तर पर काम करने वाले समाचार संगठन

इस प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल ऐसे संगठन भी कर सकते हैं

मीडियम साइज़ के स्वतंत्र समाचार संगठन

यह प्लैटफ़ॉर्म, इन इलाकों में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होता है

पूरी दुनिया में

सहायता करने का आधिकारिक समय

यह मैनेज की जा रही सेवा देने वाली कंपनी पर निर्भर करता है

यूज़र इंटरफ़ेस के लिए आधिकारिक तौर पर उपलब्ध भाषाएं

अंग्रेज़ी

क्या किसी तीसरे पक्ष की ओर से, भाषा से जुड़ी सहायता उपलब्ध है?

हां

लाइसेंस का मॉडल

इसका मुख्य लाइसेंस, ओपन सोर्स है. मैनेज की जा रही होस्टिंग और व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध ऐड-ऑन मॉड्यूल (जैसे, Acquia के मॉड्यूल) के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा

कंपनी का काम

Drupal मुख्य रूप से कॉन्टेंट बनाने और साइट मैनेज करने की सुविधा देने वाला प्लैटफ़ॉर्म है. समाचार पब्लिश करने और रेवेन्यू से जुड़ी सुविधाओं के लिए, यह काफ़ी हद तक तीसरे पक्ष के मॉड्यूल पर निर्भर करता है

इस्तेमाल की गई तकनीक

PHP

क्लाउड मॉडल

मैनेज की जा रही सेवा (PaaS)

मुख्यालय

लागू नहीं

कर्मचारियों की संख्या

लागू नहीं

सेवा इस्तेमाल करने वाले संगठनों का अनुभव

  • Drupal को खास तौर पर कम्यूनिटी के जनरेट किए गए कॉन्टेंट के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें एक ही प्लैटफ़ॉर्म पर सोशल इंटरैक्शन और वेब पब्लिशिंग की सुविधा मिलती है
  • प्लैटफ़ॉर्म पर कई सुविधाएं और हजारों ऐड-ऑन मॉड्यूल उपलब्ध हैं. इनमें से कुछ मॉड्यूल, वायर फ़ीड जैसे समाचार देने वाले दूसरे सिस्टम के साथ इंटिग्रेट करने के लिए, कनेक्टर फ़्रेमवर्क उपलब्ध कराते हैं
  • Drupal अपनी ओर से "प्लेसलेस" (पेज के अलावा) डिलीवरी, अच्छी तरह से टैग किए गए कॉन्टेंट को दोबारा इस्तेमाल करने, मेटाडेटा की मदद से नेविगेशन, और सेक्शन के मुख्य पेजों के लिए सहायता उपलब्ध कराता है
  • Drupal में दूसरे कॉन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम प्लैटफ़ॉर्म के मुकाबले, ज़्यादा भाषाओं में सहायता दी जाती है
  • इसमें होस्टिंग और सहायता के लिए अलग नेटवर्क है. यह सहायता दुनिया भर के लोगों के लिए उपलब्ध है
  • दुनिया भर के डेवलपर की बड़ी कम्यूनिटी, सुविधाएं इस्तेमाल करने में आ रही समस्याओं को सुलझाने में मदद कर सकती है. खास तौर पर, मिड-मार्केट ग्राहकों (ऐसी कंपनियां जो बहुत ज़्यादा कीमत नहीं चुका सकतीं न ही सस्ते प्रॉडक्ट लेती हैं) को इस कम्यूनिटी से काफ़ी मदद मिल सकती है
  • Drupal का इस्तेमाल कर रही समाचार पब्लिश करने वाली साइटों को, किसी भी तरह की सुविधा के लिए तीसरे पक्ष के मॉड्यूल की ज़रूरत पड़ती है. इसकी वजह से परेशानी होती है और अपग्रेड में देरी हो सकती है. ऐसा तब होता है, जब मॉड्यूल के डेवलपर Drupal की कोर रिलीज़ साइकल में देरी करते हैं
  • इसका नतीजा यह होता है कि Drupal की सेवाएं काफ़ी हद तक डेवलपर पर निर्भर करती हैं. दस्तावेज़ों की कमी इस मुश्किल को और बढ़ा देती है
  • Drupal के WYSIWYG एडिटर पर ज़रूरत के हिसाब से कॉन्टेक्स्ट नहीं मिलता है. इसलिए, पेज में अपने हिसाब बदलाव करने में इससे मदद नहीं मिल पाती
  • अक्सर, पत्रकारों को दूसरे प्लैटफ़ॉर्म के मुकाबले Drupal कम उपयोगी लगता है
  • Drupal की टोटल कॉस्ट ऑफ़ ओनरशिप (टीसीओ) तेज़ी से बढ़ सकती है. यह सेवाओं को अपनी ज़रूरत के मुताबिक बनाने और इस्तेमाल किए जा रहे मॉड्यूल की संख्या पर निर्भर करता है

बैकग्राउंड

  • Drupal एक ओपन-सोर्स प्लैटफ़ॉर्म है. यह इस रिपोर्ट में शामिल पुराने प्लैटफ़ॉर्म में से एक है. इसकी शुरुआत साल 2001 में की गई थी. इसे कॉन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम के साथ-साथ कम्यूनिटी की सेवाएं देने वाले प्लैटफ़ॉर्म के तौर पर शुरू किया गया था. यही वजह है कि सोशल नेटवर्क का दौर आने से पहले कुछ मीडिया कंपनियों के बीच यह तुरंत लोकप्रिय हो गया. ये कंपनियां अपने प्लैटफ़ॉर्म पर यूज़र जनरेटेड कॉन्टेंट और कम्यूनिटी से जुड़ी सेवाओं को बढ़ावा देना चाहती थीं. समय के साथ, खास तौर पर पिछले दस सालों से, Drupal आधुनिक होने के साथ-साथ ज़्यादा जटिल भी हो गया. आज की तारीख में, इसका इस्तेमाल सिर्फ़ बड़े स्तर पर काम करने वाले वे समाचार संगठन कर रहे हैं जिनके पास Drupal की समझ रखने वाले कई डेवलपर रखने की क्षमताएं हैं.
  • Drupal को इंडस्ट्री में मिल रही सफ़लता की वजह Acquia कंपनी है. यह इस पूरे नेटवर्क का एक ऐसा व्यावसायिक फ़र्म है जो रोडमैप तैयार करती है. साथ हीं, ऐसे बेहतरीन मॉड्यूल बेचती है जो पूरी इंडस्ट्री में किसी के पास नहीं है.
  • WordPress के मुकाबले Drupal, स्ट्रक्चर्ड कॉन्टेंट और कॉन्टेंट कॉम्पोनेंट को बेहतर तरीके से मैनेज करता है. इस प्लैटफ़ॉर्म पर मेटाडेटा के आधार पर तय होता है कि "कॉन्टेंट किस सेक्शन में पब्लिश होगा". यही वजह है कि यह प्लैटफ़ॉर्म, अन्य साइटों की तुलना में बड़ी और ज़्यादा जानकारी उपलब्ध कराने वाली साइटों के लिए सही है. ऐसी साइटों पर काफ़ी ज़्यादा जानकारी उपलब्ध होने की वजह से, विषय और अलग-अलग सेक्शन के हिसाब से पेजों को मैन्युअल तौर पर मैनेज करना मुश्किल हो जाता है. यह प्लैटफ़ॉर्म, कॉन्टेंट के लिए एक स्मार्ट डेटाबेस की तरह काम करता है. कॉन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम के किसी दूसरे प्लैटफ़ॉर्म पर काम करने वाले एडिटर के लिए, Drupal पर काम करना चुनौती भरा हो सकता है. इस प्लैटफ़ॉर्म पर कॉन्टेंट और मॉड्यूल को पेज, फ़ोल्डर, और ट्री स्ट्रक्चर में मैनेज नहीं किया जाता है. इसके बजाय, इसमें मेटाडेटा के आधार पर "फ़्रॉम द बाटम अप" स्ट्रक्चर तैयार होता है. यह उन समाचार संगठनों के लिए मुश्किल और गै़र-ज़रूरी हो सकता है जो टॉप-डाउन तरीके से कॉन्टेंट पब्लिश करते हैं. हालांकि, अच्छी बात यह है कि Drupal का टेक्सॉनमी मैनेजमेंट सबसिस्टम (यह तय करता है कि कॉन्टेंट साइट पर कहां दिखेगा) काफ़ी अच्छा है.
  • WordPress की तरह ही, Drupal का लाइसेंस रखने वाली कंपनियों को एक बड़े नेटवर्क का फ़ायदा मिलता है. इस नेटवर्क से कई कंसल्टेंसी फ़र्म, जानकार, और मॉड्यूल डेवलपर जुड़े होते हैं. Drupal का मॉड्यूल नेटवर्क, WordPress के मुकाबले काफ़ी बड़ा है. इसके अलावा, Drupal को खास तौर पर ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि ज़रूरत के हिसाब से इसकी सेवाओं और तीसरे पक्ष के मॉड्यूल का इस्तेमाल किया जा सके. हर काम के लिए "Drupal का अपना अलग तरीका" मौजूद है. यही वजह है कि इस प्लैटफ़ॉर्म के बारे में बहुत ज़्यादा जानकारी मौजूद नहीं है. इसलिए, हर साल होने वाले वेब डेवलपर सर्वे में इसे सबसे जटिल प्लैटफ़ॉर्म की कैटगरी में शामिल किया जाता है. इतना ही नहीं, Drupal की मदद से कुछ समाचार साइटें, ऐडवांस ऐप्लिकेशन बना पाईं. जैसे, प्लैटफ़ॉर्म पर लोगों का बनाया गया कॉन्टेंट डालने और मुश्किल वीडियो कैरसेल बनाने की सुविधा. Drupal में लोगों के बनाए गए कॉन्टेंट को मॉडरेट करने की सुविधा पहले से मौजूद होती है.
  • अगर सवाल यह हो कि Drupal पर "अलग क्या है", तो इस मामले में कई बार पब्लिशर हैरानी जताते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि Drupal प्लैटफ़ॉर्म की अपनी ऐसी कोई सुविधा नहीं है जो खास तौर पर समाचार संगठनों को ध्यान में रखकर बनाई गई हो. जैसे, इसका कोई डिजिटल ऐसेट मैनेजमेंट (डीएएम) सिस्टम नहीं है और न ही सदस्यता या पेवॉल से जुड़ी इसकी कोई अपनी सुविधा है. इस मामले में, Drupal के जानकारों का कहना है कि "इसके लिए एक मॉड्यूल मौजूद है" — और यह बात बिलकुल सही है. बस सही मॉड्यूल ढूंढना ज़रूरी है और इसे आपकी ज़रूरत के हिसाब से बनाने में, अक्सर Drupal के विशेषज्ञ आपकी मदद करते हैं. इस प्लैटफ़ॉर्म पर मिलने वाली कई ऐडवांस सुविधाओं के लिए, Acquia से लाइसेंस लेना ज़रूरी है. साथ ही, यह ज़रूरी है कि Acquia ही उसे व्यावसायिक तौर पर होस्ट करती हो. जैसे, डीएएम, मल्टी-टाइटल मैनेजमेंट, मनमुताबिक बनाने की सुविधा, और पैकेज के तौर पर मिलने वाला हेडलेस एडिशन.
  • बीते सालों में कई कंपनियों ने समाचार संगठनों के लिए उपलब्ध, Drupal की खास "डिस्ट्रिब्यूशन" सेवाओं को पैकेज करने की कोशिश की है. उदाहरण के लिए, WordPress का Newspack उपलब्ध करवाना. हालांकि, Drupal प्लैटफ़ॉर्म के हाल ही के बड़े अपग्रेड के आगे कोई भी कंपनी टिक नहीं पाई.
  • वहीं, Drupal को इस्तेमाल करने का फ़ायदा यह है कि आपको एक बड़े नेटवर्क का ऐक्सेस मिलता है. इसमें कई स्वतंत्र डेवलपर और कंसल्टेंसी फ़र्म शामिल हैं. इस नेटवर्क में, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में Drupal का इस्तेमाल कर रहे संगठनों के बहुत सारे ग्रुप मौजूद हैं. इनसे ऑनलाइन या व्यक्तिगत तौर पर मिला जा सकता है.
  • साथ ही, कई कंपनियां Drupal की होस्टिंग के लिए व्यावसायिक सेवाएं और सहायता पैकेज उपलब्ध कराती हैं. इसका बेसिक पैकेज काफ़ी सस्ता है. हालांकि, ज़्यादा अपटाइम और सुरक्षा से जुड़े ऐडवांस कंट्रोल चाहिए, तो इनके लिए अच्छी खासी कीमत चुकानी होती है. WordPress की तरह ही, इस सिस्टम को हमलों से बचाने के लिए लगातार पैच किए जाने की ज़रूरत होती है. बड़े पैमाने पर डिप्लॉय होने की वजह से इस प्लैटफ़ॉर्म पर हमले का खतरा हमेशा बना रहता है.

पैकेज का स्कोप (यह जानकारी वेंडर ने दी है)

कोर प्लैटफ़ॉर्म - यानी कि प्रॉडक्ट के साथ बंडल किया गया (हां/नहीं/बीटा वर्शन) ऐड-ऑन (हां/अपनी पसंद के मुताबिक/तीसरे पक्ष का)
कॉन्टेंट का लाइफ़साइकल: लिखना / कैटगरी में बांटना / बदलाव करना / मंज़ूरी देना / पब्लिश करना / नए तरीके से दोबारा इस्तेमाल करना / संग्रहित करना / मिटाना
हां
बेसिक डिजिटल / वॉइस / मीडिया ऐसेट मैनेजमेंट
हां
तीसरा पक्ष
प्रिंट पब्लिशिंग से जुड़ी सहायता
नहीं
तीसरा पक्ष
सोशल मीडिया पर आसानी से दोबारा पब्लिश करने की सुविधा
हां
तीसरा पक्ष
वैकल्पिक मॉड्यूल: फ़ॉर्म / पोल / सोशल विजेट / वगैरह
हां
तीसरा पक्ष
कनेक्टर लाइब्रेरी (ओओटीबी कनेक्टर, एपीआई वगैरह)
नहीं
तीसरा पक्ष
बंडल किया गया सीडीएन (डीडीओएस की सुरक्षा के साथ)
नहीं
तीसरा पक्ष
उपयोगकर्ता के रजिस्ट्रेशन की सुविधा
हां
तीसरा पक्ष
सदस्यता का मैनेजमेंट और फ़ुलफ़िलमेंट - डिजिटल
नहीं
सदस्यता का मैनेजमेंट - प्रिंट
नहीं
मनमुताबिक बनाने की सुविधा
हां
तीसरा पक्ष
विज्ञापन का मैनेजमेंट - डिजिटल
नहीं
तीसरा पक्ष
विज्ञापन का मैनेजमेंट - प्रिंट
नहीं
मोबाइल ऐप्लिकेशन का मैनेजमेंट
नहीं
साइट खोज की सुविधा
हां
तीसरा पक्ष
कॉन्टेंट और असाइनमेंट के लिए योजना बनाने की सुविधा
नहीं
वीडियो का मैनेजमेंट / ओवीपी
नहीं
तीसरा पक्ष
ऑडियो का मैनेजमेंट / पॉडकास्ट की सुविधा
नहीं
तीसरा पक्ष
डेटा विज़ुअलाइज़ेशन
नहीं
तीसरा पक्ष
क्लासिफ़ाइड
नहीं
तीसरा पक्ष
टिप्प्णी करने की सुविधा / कम्यूनिटी से जुड़ी सुविधाएं/
हां
न्यूज़लेटर का प्रोडक्शन और मैनेजमेंट
नहीं
तीसरा पक्ष
सूचनाएं और अपडेट
हां
A/B टेस्टिंग
नहीं
तीसरा पक्ष
एसईओ
नहीं
तीसरा पक्ष
वैरिएबल इनहेरिटेंस के साथ मल्टी-टाइटल मैनेजमेंट
नहीं
तीसरा पक्ष
जटिल लेआउट और सबसाइट / सब-सेक्शन की क्लोनिंग
हां
एआर- / वीआर- की बेहतर सेवाएं
नहीं
सार्वजनिक दस्तावेज़
हां
ऑनलाइन उपयोगकर्ता / पार्टनर फ़ोरम
हां
उपयोगकर्ता ग्रुप की नियमित मीटिंग
हां
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