अगली पीढ़ी के पत्रकारों को प्रशिक्षण देना
कोलंबिया के गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की पहचान अद्भुत कहानियां लिखने वाले उपन्यासकार की थी. साथ ही, वे एक रिपोर्टर, संपादक, और निबंधकार भी थे. पूरे लैटिन अमेरिका में “गाबो” के नाम से लोकप्रिय गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़, जिंदगी के आखिरी दिनों तक पत्रकारिता से जुड़े रहे. साल 1994 में उन्होंने, फ़ुंडासिओन गाबो (द गाबो फ़ाउंडेशन) की स्थापना की. यह एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो स्वतंत्र और खोजी पत्रकारिता को मज़बूती देने के लिए काम करती है. यह संस्था, रिपोर्टर बनने की इच्छा रखने वाले अगली पीढ़ी के युवाओं के लिए, कई तरह के कार्यक्रम चलाती है और मेंटॉरशिप की सुविधा देती है. इसका मकसद, उन्हें इतना सक्षम बनाना है कि वे किसी भी घटना की गहराई से और नैतिकता के साथ जांच कर सकें और उसे समझें. इससे वे आम लोगों को उस घटना की क्रिएटिव तरीके से और सटीक जानकारी दे सकेंगे. आज के समय में इस तरह की पत्रकारिता बेहद अहम हो गई है, क्योंकि झूठी खबरें और गलत जानकारी तेज़ी से फ़ैलती है. इसलिए, यह ज़्यादा ज़रूरी हो गया है कि पत्रकारिता पूरी ज़िम्मेदारी के साथ की जाए और भरोसेमंद खबरें दी जाएं.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सिल्विया नवार्रो कहती हैं, “गाबो मानते थे कि पत्रकारिता की शिक्षा क्लासरूम में बंद होकर नहीं दी जानी चाहिए. इसके लिए सड़क पर जाना, लोगों से बातें करना, और उनके अनुभवों के बारे में जानना बेहद ज़रूरी है.” “हम बड़े पत्रकारों के साथ मिलकर युवा पीढ़ी को सिखाते हैं और उन्हें बताते हैं कि असल दुनिया में किस तरह से काम किया जाता है.” ऐसा करना काफ़ी अहम है, क्योंकि गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए, ज़िम्मेदारी के साथ और भरोसेमंद खबरें देना ज़रूरी हो गया है.