समाचार से जुड़े प्रॉडक्ट बनाना
समाचार से जुड़े प्रॉडक्ट डिज़ाइन करना, उसका प्रोटोटाइप बनाना, और उसकी टेस्टिंग करना
समाचार से जुड़ा कोई प्रॉडक्ट बनाना
समाचार से जुड़े प्रॉडक्ट का क्या मतलब है?
समाचार से जुड़े प्रॉडक्ट कई तरह के होते हैं. जैसे, लेख, न्यूज़लेटर, पॉडकास्ट, समाचार वेबसाइट या ऐप्लिकेशन. इनका मकसद, ऑडियंस को खबरें और जानकारी उपलब्ध कराना होता है.
डिज़ाइन स्प्रिंट की मदद से समाचार से जुड़े प्रॉडक्ट को बनाने का तरीका
डिज़ाइन स्प्रिंट की मदद से प्रॉडक्ट की समस्यायों को हल किया जाता है. इसमें प्रॉडक्ट को डिज़ाइन करना, उसका प्रोटोटाइप बनाना, और ऑडियंस के बीच आइडिया टेस्ट करना शामिल है. इस प्रक्रिया से वास्तविक नतीजे मिलते है और खर्च भी कम होता है.
डिज़ाइन स्प्रिंट में क्या-क्या होता है?
- ऑडियंस और उनकी ज़रूरतों को समझना
- अलग-अलग आइडिया सोचना
- आइडिया पर फ़ैसले लेना
- प्रोटोटाइप तैयार करना
- प्रॉडक्ट और आइडिया को परखना
अपनी ऑडियंस और उनकी ज़रूरतों को समझना
सबसे पहले इन चीज़ों का पता लगाएं:
- आपकी टारगेट ऑडियंस
- ऑडियंस की कौनसी ज़रूरतें पूरी की जा सकती हैं
- उनकी ज़रूरतें पूरी करने का आपका यूनीक तरीका क्या हो सकता है
हमारे अपनी ऑडियंस के बारे में ज़्यादा जानें लेसन में, इस बारे में ज़्यादा जानें.
अलग-अलग आइडिया सोचना
ऑडियंस की ज़रूरतों को अच्छी तरह समझ लेने के बाद, उसे पूरा करने के आइडिया पर काम करें. साथ ही, समाचार से जुड़े जिस प्रॉडक्ट पर आपको काम करना हो उसका ड्राफ़्ट बनाएं. अच्छी तरह से बने ड्राफ़्ट में, प्रॉडक्ट की सबसे अहम सुविधाएं हाइलाइट की जाती हैं. इसमें ऑडियंस की ज़रूरतों को मुख्य तौर पर पूरा किया जाता है.
अगर आपके पास कोई टीम है, तो इसके हर सदस्य को अपने ड्राफ़्ट पर अलग-अलग काम करने और नए आइडिया देने के लिए कहें.
ड्राफ़्ट में ये चीज़ें शामिल हो सकती हैं:
- न्यूज़लेटर का सैंपल वर्शन
- स्थानीय इवेंट जैसे किसी विषय पर बनाया गया एक छोटा वीडियो
- पॉडकास्ट का 10 मिनट का एक एपिसोड
💡सबसे सही तरीका: Google के डिज़ाइन स्प्रिंट के क्रेज़ी 8 मेथड को आज़माएं. इसमें आपको आठ मिनट में आठ अलग-अलग डिज़ाइन के ड्राफ़्ट बनाने होते हैं.
आइडिया पर फ़ैसले लेना
इसके बाद, यह फ़ैसला लेना कि आपको किन आइडिया पर आगे काम करना चाहिए. इसके लिए, वोटिंग की मदद लें या किसी ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए ड्राफ़्ट को परखें और तुलना करें.
आपके पास विकल्प है कि आप किसी एक आइडिया (“बेस्ट शॉट”) पर काम करें या कई आइडिया चुनें और आपस में इनकी तुलना (“बैटल रोयाल”) करें. यूज़र स्टडी के लिए ये दोनों तरीके Google Ventures ने तैयार किए हैं:
बेस्ट शॉट:
- आम तौर पर इस्तेमाल होने वाला प्रॉडक्ट बनाने के लिए, यह सबसे अच्छा तरीका माना जाता है
- इससे किसी आइडिया पर अच्छे तरीके से काम किया जा सकता है
- मिलते-जुलते प्रॉडक्ट बनाने के बारे में सोचने और उस पर चर्चा करने के लिए आपको ज़्यादा समय मिलता है
बैटल रोयाल:
- यह तरीका ऐसे नए प्रॉडक्ट बनाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है जिनसे ज़्यादा उम्मीद नहीं की जाती
- आपके पास अपने और बाकी आइडिया के बीच तुलना करने का विकल्प होता है
- इसमें यूनीक और बिलकुल नए तरह के आइडिया मिलने की संभावना रहती है
प्रोटोटाइप तैयार करना: मिनिमम वायबल प्रॉडक्ट (एमवीपी) बनाएं
आइडिया तय कर लेने के बाद मिनिमम वायबल प्रॉडक्ट (प्रॉडक्ट का ऐसा वर्शन जिसे टेस्टिंग के लिए लॉन्च किया जाता है) बनाएं.
मिनिमम वायबल प्रॉडक्ट या एमवीपी में ये खासियतें होती हैं:
- इसमें ऐसी सामान्य सुविधाएं होती हैं जिनसे यह पता चलता है कि आपका प्रॉडक्ट कैसे काम करेगा
- प्रॉडक्ट को लेकर किए गए अनुमानों का आकलन करने में मदद करता है
- ऑडियंस से सुझाव या राय पाने में मदद मिलती है
- पैसा और समय बचता है
- प्रॉडक्ट नाकामयाब होने का जोखिम कम रहता है
एमवीपी बनाते समय मुझे किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
- फ़्रीक्वेंसी: सुझाव या राय पाने के लिए, आपको एमवीपी को कितनी बार पब्लिश (रोज़, हर महीने, हर हफ़्ते) करने की ज़रूरत है?
- प्लैटफ़ॉर्म: अपने आइडिया को टेस्ट करने के लिए, सबसे सस्ता और आसान तरीका क्या है? क्या इसके लिए ऑडियंस को ईमेल किया जा सकता है या फ़ोन पर वीडियो रिकॉर्ड किया जा सकता है?
- दायरा: वह कौनसी समस्या है जिसका हल निकालना सबसे ज़रूरी है? कौनसी सुविधाएं बहुत ज़्यादा ज़रूरी हैं?
💡सबसे सही तरीके
- अपने एमवीपी में सिर्फ़ उन सुविधाओं को शामिल करें जो आपकी ऑडियंस को बेहतर अनुभव देने के लिए ज़रूरी हैं
- शुरुआत में ही अपना मकसद बताएं.
- यह तय करें कि आपको किस चीज़ की पुष्टि करनी है और उसका तरीका क्या है.
- नतीजों का आकलन करने की तारीख तय करके, एमवीपी की टेस्टिंग के नतीजे पर नज़र रखें.
पुष्टि करना: एमवीपी की टेस्टिंग करें
एमवीपी की टेस्टिंग के लिए इन चीज़ों का इस्तेमाल करें:
- पायलट प्रोग्राम बनाएं, जिनमें ऑडियंस को एमवीपी को टेस्ट करने का न्योता दिया जाता है
- विज्ञापन दें, ताकि यह मापा जा सके कि आपका एमवीपी काम का है या नहीं
- प्रमोशन करें, ताकि ऑडियंस के बीच प्रॉडक्ट की मांग बढ़ाई जा सके या उनके सुझाव या राय पाई जा सके
- इंटरव्यू लें, ताकि ऑडियंस की ज़रूरतों का पता चल सके
- चंदा इकट्ठा करें या प्रीसेल करें, ताकि ऑडियंस की पसंद का पता चल सके
💡सबसे सही तरीका: कई सारे विज्ञापन प्लैटफ़ॉर्म पर अपने विज्ञापनों की जांच करें और उन पर मिलने वाले क्लिक को ट्रैक करें. इससे आपको पता चलेगा कि आपका प्रॉडक्ट, ऑडियंस की पसंद के मुताबिक है या नहीं.
आइडिया और प्रॉडक्ट परखना: सर्वे में हिस्सा लेने के लिए ऑडियंस को शामिल करें
एमवीपी बना लेने के बाद, ऑडियंस के सुझाव या राय की मदद से अपने आइडिया की पुष्टि करें. इंटरव्यू या फ़ोकस ग्रुप में ऑडियंस को शामिल करने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करें
- ऑडियंस से सीधे तौर पर संपर्क करें. जैसे, ईमेल भेजना, सोशल मीडिया पर कनेक्ट करना या इवेंट में बातचीत करना
- अर्न्ड मीडिया का इस्तेमाल करें. जैसे, किसी पॉडकास्ट में मेहमान के तौर पर हिस्सा लेना या मेहमान के तौर पर ब्लॉग पोस्ट लिखना
- विज्ञापन दें. जैसे, स्थानीय पब्लिकेशन, सामुदायिक केंद्रों या सोशल मीडिया पर विज्ञापन देना
💡सबसे सही तरीके
- कम से कम 100 लोगों को शामिल करें
Google Ads की मदद से, खास तरह की ऑडियंस को टारगेट करके, उन्हें शामिल करें.
परखना: टेस्ट का आकलन करें
इन चीज़ों की मदद से यह आकलन करें कि आपका एमवीपी, ऑडियंस की ज़रूरतों को पूरा करता है या नहीं:
- ऑडियंस का व्यवहार: क्या हिस्सा लेने वाले, एमवीपी का एक बार से ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं?
- ऑडियंस के सुझाव या राय: क्या सर्वे और इंटरव्यू में हिस्सा लेने वालों ने यह बताया है कि आपका एमवीपी उनकी ज़रूरतों को पूरा करता है?
- ऑडियंस तक पहुंच: क्या एमवीपी कम, ज़्यादा या एक ही तरह की ऑडियंस तक पहुंच रहा है?
ऑडियंस के सुझाव या राय के आधार पर, ये फ़ैसले लिए जा सकते हैं:
- अगर ऑडियंस को आपका एमवीपी पसंद आता है, तो काम जारी रखें. अब आपको पता है कि आपकी ऑडियंस को कौनसी चीज़ें पसंद हैं.
- ऑडियंस की ज़रूरतों के हिसाब से एमवीपी में बदलाव करें.
- अगर एमवीपी को शुरुआती सफलता नहीं मिलती है, तो इसे फिर से बनाएं या नए आइडिया पर काम करें.
💡सबसे सही तरीका: समस्याओं या नई सुविधाओं का पता लगाने के लिए, ऑडियंस के सुझाव या राय में पैटर्न खोजें.